Saturday, December 25, 2010

कोबरा मेरे हाथ पर लिपट गया

इस चिट्ठी में चेनेई के पास स्थित क्रॉकोडाइल फार्म की चर्चा है

Friday, December 24, 2010

हो सकता है कि लैपटॉप के नीचे चाकू हो

द मदर, आत्मचित्र - विकिपीडिया से
चलिये, मां की नगरी - यह चिट्ठी हमारी पॉन्डिचेरी यात्रा की शुरुवात है।

Friday, December 17, 2010

साइबर या कंप्यूटर कानून क्या होता है

इस चिट्ठी में, बताया गया है कि साइबर कानून क्या होता है।
इस चिट्ठी को, सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो ऊपर दाहिने तरफ का पृष्ट, "'बकबक' पर मेरे पॉडकास्ट कैसे सुने" देखें।
धर्म न्यायधिकरण के सामने गैलिलिओ - चित्र क्रिस्टो बान्टी १८५७

Friday, December 10, 2010

लाईये मैं आपके हाथ में बांध देती हूं

इस चिट्ठी में, कुफरी में हुई सुन्दर लड़कियों से मुलाकात की चर्चा है।

Friday, December 03, 2010

मन में है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन

यदि जान है, तो जहान है। यदि लगन है इच्छा है, विश्वास है, तब कामयाबी दूर नहीं। यह चिट्ठी मेरी ई-पाती श्रृंखला की एक चिट्ठी है।

Friday, November 26, 2010

हम हिन्दुस्तानी तो एक दूसरे की देखा देखी करते हैं

इस चिट्ठी में, कुफरी और वहां चल रही दंगल प्रतियोगिता का वर्णन है। 

Friday, November 19, 2010

मेरी खूबसूरती का राज़ है ...

इस चिट्ठी में महिलाओं की सुन्दरता के बारे में कहे गये ऑड्री हेपबर्न के शब्द हैं। हांलाकि,  यह पुरुषों के लिये भी सच हैं।
फिल्म रोमन हॉलीडे में ऑड्री हेपबर्न

Friday, November 12, 2010

तुमसे मिल कर, न जाने क्यों और भी कुछ याद आता है

इस चिट्ठी में चायल से कुफरी जाने के रास्ते और कुफरी हॉलीडे रिज़ॉर्ट की चर्चा है।

Friday, November 05, 2010

मेरे दिल में आज क्या है

इस चिट्ठी में चायल, में चायल पैलेस प्रीमियम हेरिटेज होटेल की चर्चा है।

Friday, October 29, 2010

ऐसा कोई कंप्यूटर नहीं, जिसे हैक न किया जा सकता हो

इस चिट्ठी में, फिल्म इंडिपैंडेंटस डे (Independence day) और इसका साईबर अपराध से संबन्ध की चर्चा है।
इस चिट्ठी को, सुनने के लिये यहां चटका लगायें। यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो दाहिने तरफ का विज़िट, 'मेरे पॉडकास्ट बकबक पर नयी प्रविष्टियां, इसकी फीड, और इसे कैसे सुने' देखें।

Friday, October 22, 2010

नग्गर में, रोरिख संग्रहालय

रोरिक परिवार सहित नग्गर में - चित्र विकिपीडिया से
इस चिट्ठी में, नग्गर में स्थित,  रोरिक संग्रहालय की चर्चा है।

Sunday, October 17, 2010

अभी तक इसका पैसा नहीं निकल पाया है

कुल्लू में राफटिंग होती है। इस चिट्ठी में उसी की चर्चा है।

Sunday, October 10, 2010

आज, मुझसे शादी करोगी

इस चिट्ठी में डगलस ऐडम्स् की पुस्तक 'द हिचहाइकरस् गाइड टू द गैलैक्सी' की चर्चा के साथ आज की तारीख का सम्बन्ध बताया गया है।

Friday, October 08, 2010

पता नहीं हलुवा घी में, या घी हलुवे में तैर रहा था

इस चिट्ठी में, मणिकर्ण में स्थित राम मन्दिर और गुरुद्वारा की चर्चा है।

Saturday, October 02, 2010

और वह शर्मा गयी

पहाड़ में समान भेजने का तरीका
इस चिट्ठी में तीर्थ मणिकर्ण के नामकरण और वहां के गर्म चश्में की कथा की चर्चा है।

Friday, September 24, 2010

भाषायें लुप्त हो जाती हैं - गणित के सिद्घान्त नहीं

इस चिट्ठी में, एयोस्टोलोस डॉक्सिएडिस द्वारा लिखित उपन्यास, 'अंकल पेट्रोस एण्ड गोल्डबाकस् कंजेक्चर' की चर्चा है।
 
 वेदांग ज्योतिष, लगभग १३५० ई.पू. के आसपास लिखा गया था। इसमें कहा गया है कि,
यथा शिखा मयूराणां नागानां मण्यो यथा।
तथा वेदाङ्गशास्त्राणां गणितं मूर्धनि स्थितम्।।
जिस तरह से,
मोरों के सिर पर कलगी और सापों के सिर में मणियां,
उसी तरह वेदांग, शास्त्र और विज्ञान में सिरमौर गणित।।
'अंकल पेट्रोस एंड गोल्डबैक्स कंजेक्चर' किताब गणित के रोमांस के बारे में है। नीचे दिया गया लिंक, अंग्रेजी में, पुस्तक की समीक्षा है।
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Friday, September 17, 2010

अपनी टूर दी फ्रांस - हिमाचल की साइकिल रेस

इस चिट्ठी में हिमाचल में हर साल आयोजित साइकिल रेस की चर्चा है। 

Thursday, September 09, 2010

वह कुछ असमंजस में पड़ गयी

इस चिट्ठी में, मनाली  के  जॉन्सन होटल में स्मोकड ट्राउट और शाकाहरी पास्ता खाने की चर्चा है।

मेरे एक मित्र अक्सर मनाली आते है यह उनकी पसंद की जगह है। उन्होंने मुझसे मनाली  के  जॉन्सन होटल में स्मोकड ट्राउट और शाकाहरी पास्ता खाने के लिए कहा था। हम लोग एक दिन दोपहर के खाने वहां गये। उनके मेनू में स्मोकड ट्राउट  डिश नहीं थी। मैंने वेटर से कहा, 
'हम बहुत दूर से मनाली में आयें हैं। हम आपके रेस्त्रां में केवल इसीलिए आयें हैं। क्योंकि मेरे मित्र ने यहां पर स्मोकड ट्राउट खाने की सलाह दी थी। लेकिन यह व्यंजन आपके मेनू में नहीं है।'
उसने कहा,
'यह सच है कि यह डिश मेनू में नहीं है। हम इसके लिए अलग से आर्डर लेते हैं।  यह तैयार नही है। इसको तैयार करने में करीब सवा घण्टा लगेगा। आप इसकी जगह पर बेक्ड फ़िश ले ले।'
मैंने कहा, 
'मैं तो यहां पर स्मोक्ड फिश खाने आया हूं। मै बेक्ड डिश न लूँगा। समय की चिन्ता न करे हम इन्तेजार करेंगें।'
जब तक हम लोगों का खाना आये तब तक मेरी पत्नी ने अपने लिये गर्म काफ़ी के लिए और मैंने अपने लिए ग्रास हॉपर नाम की मॉक्टेल आर्डर की।

ग्रास हॉपर मॉक्टेल, पाइनेपिल जूस और आइसक्रीम मिलाकर बनाईं जाती है।  मुझे अपनी साउथ अफ्रीका यात्रा की याद आयी। वहां पर जब मैंने माकटेल के बारे में पूछा था तब उन्होंने इसके बारे में अभिज्ञन्नता जतायी थी और मुझे उन्हे इसे बताने का तरीका बताना पड़ा था।

यह एक बहुत ही अच्छा रेस्त्रां है जिसमे बहुत सारे विदेशी लोग भी थे। इसमें बार भी है। उसमें जितने भी लोग थे हम लोगों को छोड़कर सब बीयर या वाइन ले रहे थे। यह महँगा रेस्त्रां है। थोड़ी देर बाद, वहां पर एक प्यारा सा कॉकर स्पेनियल कुत्ता आ गया। वह मेरे पास बैठ गया। मैंने उसे प्यार किया। थोड़ी देर बाद उसका केयर टेकर, उसे ले गयी। अधिकतर लोगों को खाने की जगह पर कुत्ते पसंद नहीं आते।
जॉन्सन होटेल में जिस कुत्ते से मेरी मुलाकात हुई थी अपनी केयर टेकर के साथ

जब वेटर मेरे लिए स्मोक्ड फिश ला रहा था तब बगल की टेबुल पर एक प्यारा सा नवविवाहित जोड़ा बैठा था। युवती ने वेटर से उस डिश के बारे में पूछा। वेटर के बताने पर कि यह स्मोक्ड फिश है तब उस युवती ने कहा, वह भी यही डिश खाना चाहती थी। क्योंकि उसे भी इसे खाने के लिए सलाह दी गयी थी। लेकिन  समय की कमी होने के कारण उसने अपने लिए बेक्ड फिश का आर्डर दिया। 

मैंने उस युवती से कुछ स्मोक्ड फिश लेने और उससे कुछ उसकी बेक्ड फिश मुझे देने की पेशकश की। लेकिन वह कुछ अजमंजस में पड़ गयी। अपने देश में किसी युवती को, एक अजनबी के साथ, इस तरह का व्यवहार करने में हिचक महसूस होती है। उसे समझ में नहीं आया कि क्या करे। उसने अपने पति की ओर देखा पर वह चुप्पी साध गया। उस युवती ने मुझसे कहा कि रहने दीजिये। मैंने भी जोर नहीं दिया।

वेटर ने बताया, स्मोक्ड ट्राउट ओवन में बनायी जाती है धुंये से पकायी जाती है और इसीलिए इसे स्मोक्ड ट्राउट कहा जाता है। यह सच है कि मुझे मछली अच्छी लगती है। लेकिन शायद, यह ऎसी नहीं थी जिसके बिना मैं रह नही सकता था। फिर भी यह अपने में अलग तरह का अनुभव था। 

मैं मनाली में अपना लैपटॉप नहीं ले गया था। इसलिये साइबर कैफे जाना चाहता था। जॉन्सन होटल में वेटर ने, साइबर कैफे का पता बता दिया था। मैं अपनी पत्नी को रेस्ट्रॉं में छोड़ कर, साइबर कैफ़े में चला गया। जहां मेरी मुलाकात शिव भक्तों से हुई जो हिन्दी में टाईप करने के लिये परेशान थे। इसकी चर्चा मैंने अपनी चिट्ठी 'हमने भगवान शिव को याद किया और आप मिल गये' की है। 


हिमाचल में मणिकर्ण तीर्थ है। वहां जाते समय, रास्ते में, साइकिल रेस का अभ्यास करते समय कुछ लोगों से मुलाकात हुई। अगली बार इस साइकिल रेस के बारे में चर्चा करेंगे।  

देव भूमि, हिमाचल की यात्रा
वह सफेद चमकीला कुर्ता और चूड़ीदार पहने थी।। यह तो धोखा देने की बात हुई।। पाडंवों ने अज्ञातवास पिंजौर में बिताया।। अखबारों में लेख निकले, उसके बाद सरकार जागी।। जहां हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे की बात हुई हो, वहां मीटिंग नहीं करेंगे।। बात करनी होगी और चित्र खिंचवाना होगा - अजीब शर्त है।। हनुमान जी ने दी मजाक बनाने की सजा।। छोटे बांध बनाना, बड़े बांध बनाने से ज्यादा अच्छा है।। लगता है कि विंडोज़ पर काम करना सीख ही लूं।। गाड़ी से आंटा लेते आना, रोटी बनानी है।। बच्चों का दिमाग, कितनी ऊर्जा, कितनी सोचने की शक्ति।। यह माईक की सबसे बडी भूल थी।। भारत में आधारभूत संरचना है ही नहीं।। सुनते तो हो नहीं, जो करना हो सो करो।। रानी मुकर्जी हों साथ, जगह तो सुन्दर ही लगेगी।। उसकी यह अदा भा गयी।। यह बौद्व मंदिर है न कि हिन्दू मंदिर।। रास्ता तो एक ही है, भाग कर जायेंगे कैसे।। वह कुछ असमंजस में पड़ गयी।। हमने भगवान शिव को याद किया और आप मिल गये।। क्या हिमाचल की साइकिल रेस टूर दी फ्रांस की तरह प्रसिद्ध हो पायेगी।। आप, क्यों नहीं, इसके बाल खींच कर देखते।।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
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यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो दाहिने तरफ का विज़िट, 
'मेरे पॉडकास्ट बकबक पर नयी प्रविष्टियां, इसकी फीड, और इसे कैसे सुने
 



About this post in Hindi-Roman and English is chitthi mein, manali mein ke jonson hotel mein smoked trout or vegetable pasta khane kee charchaa hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.
This post is about our lunch of smoked trout and vegetable pasta at Jonson hotel in Manali. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द
Travel, Travel, travel and places, Travel journal, Travel literature, travel, travelogue, सैर सपाटा, सैर-सपाटा, यात्रा वृत्तांत, यात्रा-विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा विवरण, यात्रा संस्मरण, मस्ती, जी भर कर जियो,  मौज मस्ती,
Hindi, हिन्दी,

Friday, September 03, 2010

क्या कंप्यूटर व्यक्तियों की जगह ले सकते हैं

इस चिट्ठी में, रॉजर पेनरोज़ के द्वारा लिखी 'द एमपररस् न्यू माइण्ड: कंसर्निग कंप्यूटरस्‌, माइण्डस् एण्ड द लॉज़ ऑफ फिज़िक्स' पुस्तक की समीक्षा है। 
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Friday, August 27, 2010

रास्ता तो एक ही है, भाग कर जायेंगे कैसे

राजेन्द्र कुमार के साथ चाय का आनन्द
इस चिट्ठी में मनाली में एक रोचक व्यक्ति राजेन्द्र कुमार से मुलाकात।

Friday, August 20, 2010

यह बौद्व मंदिर है न कि हिन्दू मंदिर

इस चिट्ठी में मानाली के बौद्व तृप्ति मंदिर और वन विहार की चर्चा है।

Friday, August 13, 2010

गणित, चित्रकारी, संगीत - क्या कोई संबन्ध है

इस चिट्ठी में, गर्डल से संबन्धित तीसरी पुस्तक, 'गर्डल, ऍशर, बाख: एन ईटनल गोल्डेन ब्रेड' की चर्चा है। इसके लेखक हैं - डगलस आर हॉफेस्टैडर।
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Friday, August 06, 2010

उसकी यह अदा भा गयी

वशिष्ट मन्दिर
इस चिट्ठी में मानाली के वशिष्ठ मंदिर, राम मन्दिर और गर्म चश्मे की चर्चा है।

Friday, July 30, 2010

रानी मुखर्जी हों साथ, जगह तो सुन्दर ही लगेगी

रानी मुकर्जी - चित्र विकिपीडिया से
इस चिट्ठी में मानाली की सोलंग घाटी की चर्चा है।


Friday, July 23, 2010

मिस्टर व्हाई - यह कौन हैं

कोर्ट गर्डल का चित्र विकिपीडिया से
'कोर्ट गर्डल, महानतम तर्क शास्त्री माने जाते हैं। इस चिट्ठी में,  उनकी जीवनी और उस पर लिखी दो पुस्तकों की चर्चा है। 
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Friday, July 16, 2010

सुनते तो हो नहीं, जो करना हो सो करो

रोहतांग पाइंट के रास्ते में पैराग्लाइडिंग होती है। इस चिट्ठी में उसी की चर्चा है।
 
अब तो विश्वास हुआ न कि मैंने पैराग्लाइडिंग की

Friday, July 09, 2010

भारत में आधारभूत संरचना है ही नहीं

इस चिट्ठी में, मनाली से रोहतंग पाइंट जाने की यात्रा और वहां मिले लोगों की चर्चा है।
 
रोहतांग पॉइंट पर हिम

Friday, July 02, 2010

नाई, महिला है

टाइम पत्रिक का शताब्दी अंक
इस चिट्ठी में, 'नाई की दाढ़ी को कौन बनाता है' सवाल का जवाब और गर्डल के गणित की अपूर्णनता सिद्धान्त की चर्चा है। 
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Saturday, June 26, 2010

यह माईक की सबसे बडी भूल थी

माइक और उसकी पत्नी
इस चिट्ठी में, मनाली में इस्रायली खाना, और वहां पर गोवा में क्रिकेट की कोचिंग करते ऑस्ट्रेलिया दम्पत्ति से मुलाकात की चर्चा है।

Thursday, June 17, 2010

बच्चों का दिमाग, कितनी ऊर्जा, कितनी सोचने की शक्ति

हिडिम्बा मन्दिर
मनाली में, सबसे पहले, हम मंदिरों को देखने के लिए, पुरानी मनाली गये। इस चिट्ठी में हिडिम्बा और मनु मन्दिर की चर्चा है।

Friday, June 11, 2010

नाई की दाढ़ी को कौन बनाता है

यह चित्र आईसीएम २०१० की वेबसाइट के सौजन्य से
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, गणित के तर्क शास्त्र पर चलता है। कंप्यूटर वायरस, इसकी कमियों का फायदा उठाते हैं। इसलिये साइबर अपराध की श्रृंखला में, साइबर अपराधों के बारे में बात करने से पहले, कुछ बातें  गणित के प्रसिद्ध २३ सवालों, और तर्क शास्त्र के क्षेत्र से, स्वयं को संदर्भित करने वाले विरोधाभास के बारे में। 
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Tuesday, June 01, 2010

गाड़ी से आंटा लेते आना, रोटी बनानी है

स्टर्लिंग रिज़ॉर्ट कुछ अलग तरह के रुकने की जगहें हैं।
इस चिट्ठी में मनाली में स्टर्लिंग रिज़ॉर्ट की चर्चा है।
 

Monday, May 24, 2010

मनोरंजात्मक गणित के जनक - मार्टिन गार्डनर को सलाम

मनोरंजात्मक गणित?
कहीं गणित जैसा नीरस विषय भी मनोरंजन का साधन हो सकता है? यह तो विरोधाभास है।
लेकिन यह सच है।
गणित में रोचक बनाने, उसमें मनोरंजन पाने की दिशा में, शायद मार्टिन गार्डनर ने सबसे अधिक काम किया है। यह चिट्ठी उनको श्रद्धांजलि है।

Friday, May 21, 2010

क्या काली मां की कृपा से यह चमत्कार हो गया

इस चिट्ठी में प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी रमेश कृष्णन से मुलाकात की चर्चा है।

मुझे सारे रैकेट के खेल पसन्द हैं। टेनिस सबसे पहले खेलना शुरू किया। शायद ४थी-५वीं कक्षा से। मैंने इसकी कोचिंग भी ली है। बचपन में दुनिया के बेहतरीन टेनिस खिलाड़ियों को भी देखने का मौका भी मिला - रॉय एमरसन, फ्रेड स्टोले, मार्टिन मुलिगन, बॉब हेटिट, आयन टिरियाक, नास्तासे, रामानथन और रमेश कृष्णन, जयदीप मुकर्जी, प्रेमजीत लाल, अमृतराज बन्धु, निरुपमा वसंत, किरण बेदी आदि। 


मुझे आज भी, १९६६ में, कलकत्ता के साउथ कल्ब में भारत बनाम ब्राज़ील के डेविस कप इंटर ज़ोन फाईनल मैच  की याद है। उस समय, मैं स्कूल का विद्यार्थी था। मेरे कान में आज भी, रेडियो में आ रही कमेन्टरी की आवाज गूंजती है।

उस समय जयदीप मुकर्जी, प्रेमजीत लाल के साथ के साथ डबलस् खेलते थे। जयदीप उस बार कृष्णन के साथ खेले और डबलस् का मुकाबला जीत लिया। कृष्णन ने अपना एकल मुकाबला जीत लिया था लेकिन भारत अपने दोनो अन्य एकल मुकाबले हार चुका था। मैच स्कोर दो बराबर। पांचवां मैच रामानाथन कृष्णन बनाम थॉमस कॉख। कृष्णन १-२ सेट, चौथे सेट में २-५ गेम, और आठवें गेम में १५-३० से पीछे।

ब्राज़ील से मैच जीतने के बाद,  ऑस्ट्रेलिया के टोनी रॉश् और जॉन न्यूकॉम्ब विरुद्ध जयदीप मुकर्जी और रामानाथन कृष्णन डबल्स् का मैच खेलते हुऐ। यह मैच भारत ने जीता पर मुकाबला १-४ से हार गया। चित्र हिन्दू अखबार के सौजन्य से।  

आप उस समय के तनाव को तब तक नहीं समझ सकते जब तक आपने स्वयं वह आखों देखा हाल न सुना हो या आपने वह मैच न देखा हो। वहां से लगातार कृष्णन ने लगातार ९ गेम जीत लिऐ और मैच भी। भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैलेंज राउंड में खेलने का मौका मिला। क्या काली मां की कृपा थी कि यह चमत्कार हो गया। कृष्णन तो यही कहते हैं। वे मैच के तुरन्त बाद काली मां के मन्दिर गये। 


कुछ इसी तरह का कारनामा रमेश कृष्णन ने १९९३ में फ्रांस के विरुद्ध कर दिखाया था।

कुछ समय पहले, मुझे रमेश से एक कल्ब में मिलने का मौका मिला और यह मौका में नहीं छोड़ना चाहता था। हमने साथ साथ डबलस् का एक सेट भी खेला। वे मेरे साथी थे। बीच, बीच में, वे मेरी गलतियों को सुधारते जाते थे। इस उम्र में, अब क्या मैं टेनिस सीखू पांऊगा पर उनके प्यार से समझाने में मजा ही कुछ और था। वे कहने लगे चाहे दूसरी तरफ गेंद कोर्ट के बाहर चली जाय पर नेट नहीं अटकनी चाहिये। एक बार जब वे स्वयं यह गलती कर गये तो अपने आप से कहा। दूसरों को सलाह दे रहा हूं पर इसे तो मुझ भी मानना चाहिये।


खेलने के बाद, हमने कुछ समय साथ बिताया। मेरे पास उनकी वा उनके पिता की निर्मल शेकर के साथ लिखी पुस्तक 'अ टच ऑफ टेनिस - द स्टोरी ऑफ टेनिस फैमिली' थी। इस पर मैंने उनसे हस्ताक्षर लिये। पूछने लगे, 
'मैं अपने पिता के भी दस्खत कर सकता हूं। क्या उनके लिये भी कर दूं।'
मैंने कहा नहीं मैं अगली बार चेन्नेई आउंगा तब खुद मिल कर करवाऊंगा।

सरल हृदय के व्यक्ति, उम्र में मुझसे बहुत छोटे, पर कद में कहीं ऊंचे। मैंने विश्वविद्यालय स्तर तक का टेनिस खेला है। आजकल कभी, कभी कल्ब में ही खेलता हूं। लेकिन उनके मुकाबले नगण्य। उन्हें मेरे साथ, मेरे पार्टनर बन कर खेलने में कोई हिचक नहीं थी। बात करने में कोई घमन्ड नहीं। यह उनका बड़प्पन था। रमेश ने कुछ अपने बारे में भी बताया।

रॉय एमरसन टेनिस के बेहतरीन खिलाड़ी रहें हैं। वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी थे पर अब कैलीफोर्निया में बस गये हैं। वे हर साल दो महीने के लिये स्विटज़रलैण्ड में टेनिस का कैम्प करते हैं। रमेश गर्मियों में वही उस कैंप में रहते हैं।  


रमेश को दो बेटियां हैं। उनके बारे में भी बात की। वे  अमेरिका में पढ़ रही हैं। प्रतियोगिता स्तर का टेनिस तो नहीं, पर अपने विश्वविद्यालय स्तर का खेल खेलती हैं। वे अपने पिता रामानाथन कृष्णन के साथ चेन्नई टेनिस ऐकादमी तो नहीं पर टेनिस कल्ब चला रहें हैं।

उनके साथ समय बिताना सुखद अनुभव रहा। अगली बार चेन्नई में मिलने का वायदा कर, मैंने उनसे विदा ली। देखिये कब चेन्नई में उनके पिता रामानाथन कृष्णन से मिल पाता हूं। 

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अन्य संबन्धित चिट्ठियां
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About this post in Hindi-Roman and English is chitthi mein ramesh krishnan se mulakaat aur unkee jeevanee 'a touch of tennis - a story of tennis family' kee charchaa hai.  yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post is about my meeting with Ramesh Krishnan and is about autobiography  'A Touch of Tennis - A Story of Tennis Family'.  It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.

सांकेतिक शब्द

Ramanathan Krishnan, Ramesh Krishnana, tennis,
। ।  book, book, books, Books, books, book review, book review, book review, Hindi, kitaab, pustak, Review, Reviews, science fiction, किताबखाना, किताबखाना, किताबनामा, किताबमाला, किताब कोना, किताबी कोना, किताबी दुनिया, किताबें, किताबें, पुस्तक, पुस्तक चर्चा, पुस्तक चर्चा, पुस्तकमाला, पुस्तक समीक्षा, समीक्षा,

Friday, May 14, 2010

हमने भगवान शिव को याद किया और आप मिल गये

मनाली के एक साइबर कैफे में, हिन्दी को लेकर एक रोचक हादसा हो गया था। इसी की चर्चा इस चिट्ठी में है।
 
शब्दों के हिन्दी में बदलते ही उनके चेहरे प्रसन्नता से भर गये

Wednesday, April 28, 2010

तू डाल डाल, मैं पात पात

यह चिट्ठी, साइबर अपराधों पर नयी श्रृंखला की भूमिका है।
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देखें।
फिल्म 'इंडिपेंडेन्स डे' से

Friday, April 23, 2010

'बुलबुल मारने पर दोष लगता है' श्रृंखला के नाम का चयन कैसे हुआ

'बुलबुल मारने पर दोष लगता है' श्रृंखला, 'To Kill A Mockingbird' उपन्यास के बारे में थी। इस श्रृंखला में चर्चा थी कि यह उपन्यास क्यों लिखा गया , इसकी क्या कहानी थी, इसकी क्या शिक्षा है। इस चिट्ठी में चर्चा है कि इसका श्रृंखला के नाम का चयन कैसे हुआ।

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मेरी बिमारी के समय मेरे बेटे और बिटिया रानी ने कुछ पुस्तकें पढ़ने के लिये भिजवायीं थीं। इनमें से एक पुस्तक  'हू द हेल इज़ ओ ॑-हारा'  (Who the Hell is O'Hara) है। इस पुस्तक में, दुनिया के ५० बेहतरीन लिखे उपन्यासों के बारे में लिखा है कि वे किस प्रकार से लिखे गये हैं। यह पुस्तक पढ़ने योग्य है।

इस पुस्तक में एक लेख 'टू किल अ मॉकिंगबर्ड' उपन्यास के बारे में था। इस उपन्यास को मैंने अपने बचपन में पढ़ा था तभी इस पर बनी फिल्म भी देखी थी। इसी को पढ़ते समय मुझे इस श्रृंखला को लिखने का विचार आया और इसकी रूप रेख बनायी। फिर सवाल उठा कि इस श्रृंखला का क्या नाम रखा जाय।

इस उपन्यास में एक वाक्य है।
'It is sin to kill a mockingbird'
मुझे लगा कि इस श्रृंखला का यही नाम होना चाहिये। अब सवाल उठा कि इसका उचित हिन्दी अनुवाद क्या होगा।

मॉकिंगबर्ड एक छोटी सी चिड़िया होती है। यह मुधर आवाज़ के लिये जानी जाती है। यह केवल अमेरिका में पायी जाती है। इसलिये इसका हिन्दीं में कोई नाम नहीं है। शास्त्री जी ने अनुवाद नहीं सुझाया पर कहा,
'Mockingbird is a harmless bird, but since it tends to sing after midnight, many are irritated and kill it. I have not seen a Hindi equivalent. Any saying that says we should not kill the innocent due to our personal annoyance will do. I have not come across any Hindi saying for that.'
मॉकिंगबर्ड निर्दोष चिड़िया होती है। यह आधी रात के बाद गाती है इसलिये लोग खिजाते हैं और मारते हैं। मुझे इसके बारे में हिन्दी में कहावत नजर नहीं आयी। लेकिन कोई भी कहावत जो यह कहती हो कि निर्दोष को मारना गलत है ठीक होगी।

अरविन्द जी ने सुझाया,
'सोन  चिरैया को मारने पर दोष लगता है।'
सोन चिरैया - चित्र विकिपीडीया से
सोन चिरैया या Indian bustard एक बड़ी चिड़िया है और अपनी सुंदरता के लिये जानी जाती है अपनी मधुर आवाज़ या गाने के लिये नहीं। यह लुप्त हो रही है यदि हमने इसे रोका नहीं तो यह हमेशा के लिये गायब हो जायगी। 

मुझे सुनने में यह शीर्षक अच्छा लगा। लेकिन इस उपन्यास में मॉकिंगबर्ड  गाने वाली छोटी चिड़िया है और निर्दोषता का प्रतीक है। मैं  किसी छोटी गाने वाली चिड़िया का ही नाम रखना चाहता था। मेरे परिवार वालों ने कोयल, मैना, शमा नाम सुझाया पर मुझे में बुलबुल नाम ठीक लगा। 

बुलबुल एक छोटी गाने वाली चिड़िया है जो निर्दोष है और अपने देश में जानी जाती है। इसकी प्यारी आवाज यहां सुन सकते हैं। यह मेरे घर में बहुत आती है। अब सवाल उठा कि शीर्षक क्या होना चाहिये। 

मेरी पत्नी शुभा ने कुछ अन्य शीर्षक सुझाये,

बुलबुल हत्या, पाप है।
बुलबुल हत्यारा दोषी है।
बुलबुल मारना, पाप है
बुलबुल को मारना पाप है

अन्त में मुझे अरविन्द जी का शीर्षक ही पसन्द आया। बस सोन चिरैया की जगह बुलबुल कर दिया और 'को' शब्द गायब कर दिया - मिल गया इस श्रंखला का शीर्षक, 'बुलबुल मारने पर दोष लगता है'।  

अभी कुछ कम समझ में आ रहा है और समय की भी कमी लगती है। देखिये कब कोई नयी श्रृंखला शुरू कर पाता हूं।

इस श्रृंखला की पिछली कड़ियां नीचे चटका लगा कर पढ़ें। यदि उस कड़ी को सुनना चाहें तब उस कड़ी के आगे लगे ► चिन्ह पर चटका लगायें। यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो दाहिने तरफ का विज़िट, 'मेरे पॉडकास्ट बकबक पर नयी प्रविष्टियां, इसकी फीड, और इसे कैसे सुने' देखें।

भूमिका: ।। वकीलों की सबसे बेहतरीन जीवनी - कोर्टरूम: ।। सफल वकील, मुकदमा शुरू होने के पहले, सारे पहलू सोच लेते हैं: ।। कैमल सिगरेट के पैकेट पर, आदमी कहां है: ।। अश्वेत लड़कों ने हमारे साथ बलात्कार किया है: ।। जुरी चिट्ठे में जालसाज़ी की गयी है: ।। क्या 'टु किल अ मॉकिंगबर्ड'  हर्पर ली की जीवनी है: ।। बचपन के दिन भी क्या दिन थे: ।।
पुनः लेख - 'बुलबुल मारने पर दोष लगता है' श्रृंखला के नाम का चयन कैसे हुआ: ।।








About this post in Hindi-Roman and English 'bulbul maarne per dosh lagtaa hai' shrankhlaa ‘To kill a mockingbird’ upnyaas ke baare mein thee. is chtthi mein chachaa hai ki is shrnkhlaa ka naam kaise para. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

The series 'Bulbul maarne per dosh lataa hai' was about the novel ‘To Kill a Mockingbird’. This post explains why this series was so named. It is in Hindi (Devnagri script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


सांकेतिक शब्द
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Friday, April 09, 2010

हनुमान जी ने दी मजाक बनाने की सजा

इस श्रृंखला की पिछली चिट्ठी में हनुमान जी से मिलवाने की बात की थी। इस चिट्ठी में उनसे मुलाकात और शिमला के जाखू पर्वत पर हनुमान जी के मन्दिर की चर्चा है। 
चित्र शिमला के पर्यटन विभाग की वेबसाइट के सौजन्य से

Friday, April 02, 2010

हम न मानेंगे, हमारे मूरिसान लंगूर थे

इस चिट्ठी में चर्चा है कि, हिन्दुओं में विकासवाद का क्यों नहीं विरोध हुआ, और क्या भगवान विष्णु का वामन अवतार होमो फ्लॉरेसिएन्सिस (जिसके अस्थि पंजर इंडोनीशिया में मिले हैं) से प्रेरित है।
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पाश्चात्य देशों में, डार्विन के विकासवाद का विरोध हुआ। अमेरिका में यह अब भी जारी है। हिन्दुओं में यह विरोध नहीं हुआ। ऐसा क्यों है? 

मुझे लगता है कि हिन्दूओं में सृष्टि रचना के बारे में कई विचारधारायें हैं। इनके बारे में, मैंने अपनी चिट्ठियों में लिखा है। इन कहानियों में, एक में तो सृजनवाद है पर किसी और में नहीं - शायद यही कारण हो कि हिन्दुओं में डार्विन के विकासवाद का विरोध नही हुआ। इस बारे में जब मैंने विस्तार से जानना चाहा तो कुछ यह पता चला।
पतञ्जलि योग पीठ में, ऋषि पतञ्जलि की प्रतिमा चित्र विकिपीडिया से


मेरे पिता के अनुसार, पतञ्जलि का योग दर्शन कुछ और नहीं पर डार्विन का विकासवाद है। विकिपीडिया में कुछ भी कुछ इस तरह के भी विचार हैं कि स्वामी विवेकानन्द ने, पतञ्जलि  के योगसूत्र पर लिखते हुऐ कहा है कि अद्वैत वेदान्त का विकासवाद, डार्विन के विकासवाद के सिद्धान्त के अनुरूप है। भारतीय दर्शन या पतञ्जलि  का योग दर्शन मैंने नहीं पढ़ा है। इसे  पढ़ने का प्रयत्न किया। लेकिन मुझे यह मुश्किल लगा। मुझे अच्छा लगेगा यदि दीपक भारतीय जी, या कोई अन्य चिट्टाकार बन्धु इसकी आसान शब्दों में व्याख्या कर, लिखे।

एक अन्य विचारधारा के अनुसार, सृजनवाद पढ़ाना और डार्विन का विरोध - ईसायित से जुड़ गया है। इसका विरोध ईसायित का समर्थन समझा जाने लगा। इसलिये और धर्मों में, डार्विन के विकासवाद का विरोध नहीं के बराबर हुआ।

अरविन्द मिश्र जी ने मेरा ध्यान, जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' (The Discovery of India published by Oxford University Press) पर दिलाया। इसके पेज ११६ पर नेहरू जी लिखते हैं,
'Nevertheless the Old Indians, unlike the other ancient nations, had vast conceptions of time and space. They thought in a big way. Even their mythology deals with ages of hundreds of millions of years. To them the vast periods of modern geology or the astronomical distances of the stars would not have come as surprise. Because of this background, Darwin's and other similar theories could not create in India the turmoil and inner conflict which they produced in Europe. The popular mind in Europe was used to a time scale which did not go beyond a few thousand years.'
प्राचीन भारतीय, अन्य देशों की तरह से नहीं थे। उन्हें दूरी एवं यगान्तर का ज्ञान था। वे बड़ी तरह से सोचते थे। हमारे पुराण खरबों साल की बात करते हैं। हमें भूगर्भशास्त्र में लम्बे समय के कालचक्र या तारों की दूरी से, कोई आश्चर्य नहीं हुआ। यही कारण है कि डार्विन के या इस तरह के अन्य सिद्धान्त ने उस तरह की मुश्किल नहीं खड़ी की, जैसा युरोप में हुआ। युरोप के लोगों के दिमाग में,  इतने बड़े समय का विचार ही नहीं था। वे केवल कुछ हज़ार साल के बारे में सोचते थे।
इस श्रंखला की तीन चिट्ठियां हिन्दूओं में सृष्टि रचना के बारे में यहां, यहां, और यहां लिखी हैं। इन चिट्ठियों और इस चिट्ठी पर अशोक पाण्डेय जी, दीपक भारतीय जी, ने इस तरफ इशारा किया है।


कुछ समय पहले यात्रा करते समय एक ज्ञानी जन से मुलाकात हुई। उनसे इस विषय पर चर्चा होने लगी। उन्होंने बताया कि पुराणों में भगवान के २४ अवतारों का वर्णन है। इसमें भगवान विष्णु के १० अवतार मुख्य हैं यह दस कुछ इस तरह से हैं
  1. मत्स्य (मछली) पानी में रहने वाले जीव;
  2. कच्छप kchchhp  (कछुआ) उभयचर जन्तुओं की उत्पत्ति; 
  3. वाराह Varaah (सुअर) – जमीन के जानवरों की उत्पत्ति;
  4. नृसिंह Narasingh – आधे मानव;
  5. वामन – बौने मानव; 
  6. परशुराम – पूर्ण विकसित मानव;
  7. राम Rama – मानव, शस्त्रों के साथ;
  8. कृष्ण – मानव, संगीत के साथ;
  9. गौतम बुद्ध Budhha – शांति और करुणा का प्रतीक;
  10. कल्कि Kalki शायद यह ८४ हज़ार साल बाद आना है। इसी के साथ कलियुग की समाप्ति है और एक चक्र पूरा होगा।
यह वही क्रम है जो डार्विन के विकासवाद में, जीवों की उत्पत्ति का क्रम है। उन सज्जन के मुताबिक डार्विन के विकासवाद का विरोध इसी कारण नहीं हुआ क्योंकि इसे हमारे पुराणों में, इसे पहले से ही बताया गया है। 

इन दस अवतारों में तीसरे के बारे में कछ बहस है। कुछ का कहना है कि वाराह अवतार तीसरा न होकर पहला है। जो इसे पहला अवतार कहते हैं वे इसे पृथ्वी की रचना से जोड़ते हैं न कि जमीन के जानवरों की उत्पत्ति से।

कुछ दिन पहले, मैंने  साइंटिफिक अमेरिकन के नवंबर २००९ के अंक में 'Rethinking "Hobbits": What They Mean for Human Evolution' नामक एक लेख पढ़ा।

'उन्मुक्त जी, क्या इस लेख का संबन्ध, भगवान विष्णु के १० अवतारों से है?'
शायद, मेरे भाई, मेरी बहना इतनी जल्दी में क्यों रहते हैं। कुछ तो इंतज़ार करिये।

सन २००४ में, इंडोनीशिया के लॅसर सुन्दा द्वीप समूह के फलॉरस्  द्वीप की, लिएंग बुआ गुफा में  कुछ अस्थि पंजर मिले थे। साइंटिफिक अमेरिकन  का उक्त लेख, उन्हीं के बारे में था। इस अस्थिपंजर को, इस गुफा के नाम पर, एलबी१ (LB1) का नाम दिया गया। यह अस्थिपंजर, हजारों साल पहले के लुप्त मानव के हैं।  चूंकि यह फलॉरस् द्वीप पर मिलें हैं। इसलिये इनका वैज्ञानिक नाम होमो फ्लॉरेसिएन्सिस रखा गया। लेकिन इनका लोकप्रिय नाम, यह नहीं है। इन्हें जेआरआर टोकियन  के लोकप्रिय उपन्यासों के मानव,  हॉबिट के नाम से जाना जाता है। क्या आपको मालुम है कि ऐसा क्यों है? 

होमो फ्लॉरेसिएन्सिस एवं मानव कपाल - चित्र पीटर बॉउन/ न्यू इंगलैंड विश्विदयालय के सौजन्य से

टोकियन ने, हॉबिटों के बारे में चर्चा, सबसे पहले बच्चों के लिये लिखे उपन्यास 'द हॉबिट'  में की थी। इसके बाद इनकी चर्चा, लॉर्ड ऑफ रिंगस् की तीन पुस्तकों (Triolgy) में की। यह ऐसी सभ्यता है, जिसमें बौने (तीन से चार फीट के बीच) रहा करते हैं। इन बौनो को, उन्होंने  हॉबिट (Hobbit) कहा। इंडोनीशिया में मिले होमो फ्लॉरेसिएन्सिस  के अस्थिपंजर यह बताते हैं कि यह भी बौने थे और उनकी लम्बाई तीन से चार फीट के बीच थी। इसलिये इनका लोकप्रिय नाम हॉबिट है। क्या यह आपको किसी और की याद दिलाते हैं?

भगवान विष्णु, वामनअवतार में राजा बालि से तीन कदम जमीन मांगते हुऐ चित्र विकिपीडिया के सौजन्य से

क्या आपको इनका संबन्ध हिन्दू धर्म से लगता है? क्या भगवान विष्णु का चौथा अवतार होमो फ्लॉरेसिएन्सिस से प्रेरित था? क्या भगवान के विष्णु के अवतार,  डार्विन के विकासवाद को नहीं बताते हैं? मैं कह नहीं सकता, कुछ उलझन में फंस गया हूं।

चलते चलते, एक दिन मित्र मंडली के साथ डार्विन पर चर्चा हो रही थी। मेरे शायर दोस्त ने, अकबर इलाहाबादी का यह शेर सुनाया,
हज़रते डार्विन, हकीकत से बहुत दूर थे।
हम न मानेंगे, हमारे मूरिसान [पूर्वज] लंगूर थे।
यह श्रंखला तो पहले समाप्त हो गयी थी यह तो केवल पुनः लेख था। कोशिश करता हूं कि किसी नयी श्रृंखला के साथ मुलाकात करूं। लेकिन समय आभाव के कारण कुछ मुश्किल लग रहा है।


क्या आपने कभी विकासवाद क्यों सही है और सृजनवाद गलत इस बात को रैप नृत्य के साथ देखा है। नहीं न तो यहां इसका मजा लें।



डार्विन, विकासवाद, और मज़हबी रोड़े 
भूमिका।। डार्विन की समुद्र यात्रा।। डार्विन का विश्वास, बाईबिल से, क्यों डगमगाया।। सेब, गेहूं खाने की सजा।। भगवान, हमारे सपने हैं।। ब्रह्मा के दो भाग: आधे से पुरूष और आधे से स्त्री।। सृष्टि के कर्ता-धर्ता को भी नहीं मालुम इसकी शुरुवात का रहस्य।। मुझे फिर कभी ग़ुलाम देश में न जाना पड़े।। ऐसे व्यक्ति की जगह, बन्दरों से रिश्ता बेहतर है।। विकासवाद उष्मागति के दूसरे नियम का उल्लंघन करता है।। समय की चाल - व्यवस्था से, अव्यवस्था की ओर।। मैंने उसे थूकते हुऐ देखा है।। यदि विकासवाद जीतता है तो इसाइयत बाहर हो जायगी।। विकासवाद पढ़ाना मना करना, मज़हबी निष्पक्षता का प्रतीक नहीं।। सृजनवाद धार्मिक मत है विज्ञान नहीं है।। 'इंटेलिजेन्ट डिज़ाईन' - सृजनवादियों का नया पैंतरा।। यू हैव किल्ड गॉड, सर।। हम न मानेंगे, हमारे मूरिसान लंगूर थे।।

इस चिट्ठी का पहला एवं आखरी चित्र - विकीपीडिया के सौजन्य से

About this post in Hindi-Roman and English
is chitthi mein charcha hai ki, hinduon mein vikasvaad ka kyon nahee virodh hua, aur kyaa bhagwan vishnu ka vaman avtar, homo floresiensis (jiske asthi panjar indonesia mein mile) se prerit hai. yeh {devanaagaree script (lipi)} me hai. ise aap roman ya kisee aur bhaarateey lipi me padh sakate hain. isake liye daahine taraf, oopar ke widget ko dekhen.

This post talks about why there was no opposition of evolution among Hindus and was Vaman reincarnation of Vishu inspired by homo floresiensis, whose skeleton was found in Indonesia. It is in Hindi (Devanagari script). You can read it in Roman script or any other Indian regional script also – see the right hand widget for converting it in the other script.


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