Tuesday, September 04, 2007

अलविदा कश्मीर

मैं, १९७५ की जून में एक महीने श्रीनगर रहा था। जिस घर में ठहरा था उसके बगल में पहाड़ी है उसके ऊपर शिवजी का मंदिर है। यह शंकराचार्य जी का मंदिर कहलाता है क्योंकि उन्होंने ही शिवलिंग की स्थापना की थी मैं तब कई बार पैदल उस मंदिर तक गया था। उस समय मंदिर में केवल हमी लोग होते थे। अब पक्की रोड बन गयी है और अन्त में २४० सीढ़ियां है। पहाड़ी रास्ते से जाने की इजाजत नहीं है। सब तरफ पुलिस का पहरा है। आप मंदिर तक कैमरा भी नहीं ले जा सकते हैं। इस मंदिर में 'आपकी कसम' फिल्म के गाने 'जय-जय शिवशंकर' के आधे भाग की शूटिंग हुयी है। इस बार जब हम लोग मंदिर पहुंचे तब वहां सैकड़ों लोग थे। बहुत भीड़ थी।

कश्मीर के हरियाली और फूल श्रीनगर में जगह-जगह बाग हैं मुगल राज्य के समय के दो बाग निषाद और शालीमार अब भी पुराने समय की दास्तान बिखेर रहे हैं।

निषाद बाग से हजरतबल मस्जिद दिखायी पड़ती है जिसमें कुछ साल पहले उग्रवादी घुस गये थे और मुश्किल से निकाले जा सके।

श्रीनगर में चश्मेशाही है। यहां पानी निकलता है। कहा जाता है कि इसमें औषधीय तत्व हैंः पीने से पीलिया तथा पेट की बीमारी दूर हो जाती है। मेरा पेट कुछ खराब चल रहता है। मैंने पानी पिया। यह मनोवैज्ञानिक कारण था या वास्तविक पर मेरे दस्त ठीक हो गये। कहा जाता है कि जवाहरलाल नेहरू के पीने के लिये पानी यहां से जाता था।

श्रीनगर में परी महल भी है इसे शाहजहां के लड़के दाराशिकोह ने सूफी संतों के रहने और अध्ययन के लिये बनवाया था। कहा जाता है कि इसका नाम पीर महल था सरकार ने इसका नाम परी महल कर दिया है। सरकार के मुताबिक परियां पवित्र जगह जाती हैं, यहां पवित्र आत्मायें रहती थीं - इसलिये इसका नाम परी महल रख दिया गया।

मालुम नहीं, क्या सच है - इस समय तो इसमें न सूफी सन्त रहते हैं न ही परियां - इसमें पैरा मिलिट्री वालों ने कब्जा जमा लिया है।

श्रीनगर में एक नया १८ होल का अन्तरराष्ट्रीय गोल्फ कोर्स बना है परी महल से पूरा दिखायी पड़ता है। यह बहुत सुन्दर है।



कश्मीर में सबसे अच्छी बात यह लगी कि बहुत कम महिलायें बुरका पहने दिखायी पड़ीं। मैं केरल और हैदराबाद भी जाता रहता हूं। वहां पर ज्यादा महिलायें बुरका पहने दिखायी पड़ीं बनिस्बत कश्मीर के। महिलायें व लड़कियां सर पर स्कार्फ लगाये, स्मार्ट और सुन्दर लगती हैं; देखने में भी अच्छा लगता है। काला बुरका जैसे सुन्दरता पर जैसे कालिख पोत दी हो।

जितनी अस्तव्यस्तता, श्रीनगर हवाई अड्डे पर है उतनी शायद कहीं नहीं। वहां पर कोई भी स्क्रीन नहीं है जो यह बताये कि आपकी उड़ान सही समय से है या लेट है या उसकी बोर्डिंग शुरू हो गयी है। इसमें टी.वी. है उसमें अलग चैनल आवाज के साथ चल रहा है। शोर इतना कि कोई भी प्रसारण में क्या कहा जा रहा है पता नहीं चलता। सुरक्षा जांच जगह-जगह पर है। मैं यही समझता था कि यहां सारा काम बहुत तरीके से होगा, पर यहां तो सब उलटा ही है।

मुझे कश्मीर में शान्ति लगी। यह उतनी ही है जितना भारत के किसी अन्य जगह। जनता आम नेताओं, मीडिया, और पैरा मिलिट्री फोर्स से दुखी लगी। उनके मुताबिक, जितनी अशान्ति उग्रवादी फैलाते हैं उतनी ही नेता और पैरा मिलिट्री फोर्स के लोग। उनके अनुसार इसमें मीडिया की भी भागीदारी है।

वहां के लोगों के अनुसार, एक नेता दूसरे नेता को नीचा दिखाने के लिये उग्रवादी गतिविधियां करा देता है; पैरा मिलिट्री फोर्स को वहां सर्च करने में ज्यादा पैसा मिलता है इसलिये वहां से कब्जा छोड़ना नहीं चाहती; मीडिया भी वहां छोटी-छोटी घटनाओं को ज्यादा विस्तार से दिखा रहा है जिसके कारण लोगों को कश्मीर के बारे में गलतफहमी हो जाती है।

मैं नहीं कह सकता कि आम लोगों का यह सोचना ठीक है या फिर पैरा मिलिट्री फोर्स के लोगों का, या फिर मीडिया का, पर मैं पुनः कश्मीर जाना चाहूंगा, यह बेहद सुन्दर जगह है और लोग भी अच्छे हैं। तब तक के लिये - अलविदा कश्मीर।

देखते हैं कि मैंं अगली बार आपको कहां ले चलता हूं।

कश्मीर यात्रा
जन्नत कहीं है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।। बम्बई का फैशन और कश्मीर का मौसम – दोनो का कोई ठिकाना नहीं है।। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने चौकीदार को क्यों निकाल दिया।। आप स्विटज़रलैण्ड में हैं।। हम तुम एक कमरे में बन्द हों।। Everything you desire – Five Point Someone।। गुलमर्ग में तारगाड़ी।। हेलगा कैटरीना और लीनुक्स।। डल झील पर जीवन।। न्यायपालिका और पर्यावरण।। अलविदा कश्मीर।।

8 comments:

  1. सुन्दर बच्चे पर काला तिल लगा देते हैं, जिससे नजर न लगे. कश्मीर पर भी काला तिल है - आतंकवाद का. पर यह तिल नजर लगने के बाद का है और काफी बड़ा है. काश पहले कोई तिल लगा दिया होता जिससे नजर न लगती.

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  2. अच्छी तस्वीरों के साथ कश्मीर के बारे में अच्छी जानकारी दी है।जहाँ तक आतंकवादियों की बात है वह तो अब सभी जगह पैदा होते जा रहे हैं।

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  3. शीर्षक देखकर तो हम समझे कि आपने कश्मीर पाकिस्तान को दे दिया और अलविदा कह रहे हैं.

    --बाद में पढ़े तब जाकर बैचेन दिल को करार आया-फिर पूरा पढ़े, फोटू देखी तब मन आनन्दित हो गया. अब चलते हैं खुशी खुशी. :)

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  4. कश्मीर के बारे में अच्छी जानकारी,बहुत खूब!
    निस्संदेह सराहनीय है। इस क्रम को बनाएँ रखें....../

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  5. शुक्रिया इस बढ़िया जानकारी के लिए!!
    यह तो सच है कि राजनीति और मीडिया के हाइप बनाने की आदत नें बहुत से इलाकों के अमन चैन को और भी भंग कर रखा है।

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  6. कश्मीर के बारे में अच्छी जानकारी है, धन्यवाद. चित्र भी अच्छे हैं.
    हवाई अड्डे का तो सभी जगह एक जैसा हाल है, हाँ पर कश्मीर में इतनी लापरवाही अच्छी नहीं. और कुछ नहीं तो कम से कम सुरक्षा और प्रसारण ठीक तो होने चाहिए.

    अगले पोस्ट का इंतज़ार रहेगा.

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  7. Anonymous5:04 pm

    ज़बर्दस्त लिखा है बहुत सी जान्कारीयां भी हैं।

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  8. आपकी यह पोस्ट भी अच्छी लगी। इससे कश्मीर के बारे में काफी कुछ जानने को मिला। वैसे यह जानकारी भी कम महत्वपूर्ण है कि "कश्मीर में सबसे अच्छी बात यह लगी कि बहुत कम महिलायें बुरका पहने दिखायी पड़ीं।"
    इस सुंदर फीचर के लिए बधाई स्वीकारें।

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आपके विचारों का स्वागत है।